बिंदुसार का पूरा नाम चक्रवर्ती सम्राट बिन्दुसार मौर्य था। बिंदुसार को महान पिता का पुत्र और महान पुत्र का पिता का दर्जा दिया गया है। जब बिंदुसार मौर्य राजवंश के राजा थे, तब उनका प्रधानमंत्री चाणक्य थे। चाणक्य के नेतृत्व में ऐसी बहुत सारी लड़ाइयां लड़ी जोकि बिना हथियारों की लड़ना असंभव था। इतिहास के पन्नों में सिंहसेन्, मद्रसार, वरिसार, अमित्रघात तथा अजातशत्रु जैसे बहुत सारे नामों से जाने जाते है।
बिंदुसार कोन था ?
बिंदुसार मौर्य राजवंश के राजा होने के साथ-साथ बहुत प्रेम प्रसंगयुक्त थे, जिन्होंने अपने पूरे जीवन काल में खूबसूरत 16 राजकुमारियों से विवाह रचाया। जिसमें पहली पत्नी का नाम सुभद्रांगी थी, इसके अलावा 15 अन्य पत्नी थी। इन सभी पत्नियों से कुल मिलाकर अशोक, विताशोक, सुसीम और 98 अन्य पुत्र और पुत्रीआ जन्मी थी।
जिसमें से सबसे अच्छा राजा, सम्राट अशोक थे। जिन्होंने अपने पिता के मरने के बाद मौर्य वंश के राजा का दायित्व निभाया था। कहां जाता है सम्राट अशोक को चाणक्य के नेतृत्व में शिक्षा मिली थी। जिसके कारण अशोक आगे चलकर एक महान राजा के साथ-साथ शक्तिशाली राजा भी कहेलाए थे।
बिंदुसार का नाम बिंदुसार क्यों पड़ा
जब चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में चाणक्य उनके मंत्री थे तब चाणक्य को यह डर था कि चंद्रगुप्त मौर्य को कभी दुश्मन उन्हें खाने में जहर देकर मार सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए चंद्रगुप्त मौर्य के भोजन में रोज थोड़ी जहर चाणक्य दिया करते थे। इस बात का पता नहीं राजा को था और ना ही रानी को।
जब चंद्रगुप्त भोजन कर रहे थे, तब उन्हें किसी कारणवश भोजन को छोड़कर जाना पड़ा तभी उनकी पत्नी दुर्धरा इस भोजन को स्वयं ग्रहण कर लेती है। जिनसे उनकी पूरी तबीयत बिगड़ जाती है। इस बात का पता चाणक्य को लगता है, तो वह दुर्धरा के गर्भ को काट कर नवजात शिशु को बाहर निकालते हैं तब तक उस बच्चे की सर तक जहर का एक बूंद पहुंच जाता है। जिसके कारण नवजात शिशु के माथे पर स्थाई आकृति बिंदु के समान बन जाति है। इसी को देखते हुए चाणक्य नवजात शिशु का नाम बिंदुसार रखा।
बिन्दुसार का जन्म कब हुई?
मौर्य सम्राट बिंदुसार का जन्म पाटलिपुत्र नामक एक स्थान पर हुआ था जिसे आज हम लोग पटना नाम से जानते हैं। उनकी जन्म 320BC पूर्व में हुआ था। इनका जन्म समय से पहले हो चुका था। क्योंकि इनकी मां की तबीयत खराब होने का कारण चाणक्य को उनकी माता के गर्भ से शीघ्र काटकर निकालना पड़ा।
बिन्दुसार की मौत कैसे हुई?
बहुत सारे ऐसे राजा थे जिनकी मृत्यु का आज तक पता नहीं चला उसी में से एक बिन्दुसार भी हैं। जिनकी मृत्यु का उचित परिणाम किसी को नहीं पता। लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उनकी मृत्यु एक युद्ध के दौरान हुई लेकिन उनमें से कुछ ऐसे भी इतिहासकार हैं। जो यह मानते हैं कि उनकी मृत्यु अस्थाई रूप से 273 ईसा-पूर्व मैं हुई थी।
बिंदुसार को किसने मारा था ?
इस लेख को लिखते समय हमने पूरे इंटरनेट और कुछ किताबों का भी सहायता लिया जिसमें से हमें यह जानकारी जुटाने में बहुत ही दिक्कत का सामना हुआ फिर भी इन सारे रिसर्च ओं से एक बात सामने आती है कि बिंदुसार की मृत्यु के पीछे किसी का हाथ भी है तो वह केवल अनुमानित रूप से या फिर उनकी मृत्यु अस्थाई रूप से हुई होगी।
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बिंदुसार का परिवारिक जिवन
बिंदुसार का जीवन बहुत ही कष्ट में गुजरा क्योंकि इनकी जन्म लेने से पहले इनकी माता का देहांत हो चुका था। केवल इनके परिवार पिता के अलावा और कोई भी नहीं था। फिर भी इनके पिताजी उन्हें कभी ऐसा एहसास नहीं होने दिया कि उनकी मां नहीं है और इनकी शिक्षा के लिए उन्होंने अपने मंत्री चाणक्य को सौंपा की इसकी शिक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारी है। जिन्होने उनको ज्ञान देने के साथ-साथ बिंदुसार के आने वाले कुछ पुत्रों को भी ज्ञान दिया था जिसमें से एक चक्रवर्ती पुत्र अशोक भी थे।
बिन्दुसार के माता-पिता कोन थे?
इनके पिता का नाम चंद्रगुप्त मौर्य और उनकी मां का नाम दुर्धरा था।
बिन्दुसार की पत्नी कितनी और कोन थी
वैसे इनके पिता चंद्रगुप्त मौर्य के दो पत्नी थी। लेकिन बिंदुसार ने अपने पूरे जीवन काल में 16 विवाह किए थे। जिसमें से पहली पत्नी का नाम शुभाद्रंगी था। और जिनसे अशोक, विताशोक जन्मे थे, उनका नाम शुभाद्रंगी था।
बिन्दुसार के कितने संतान थे?
शुभाद्रंगी तथा 15 अन्य पत्नियों से 101 संतान जन्मे थे। जिनमे से यह पता लगाना मुस्किल है, की कितने पुत्र और कितनी पुत्रियां थी।
बिंदुसार का गुरु कौन था?
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि मौर्य वंश के राजा चंद्रगुप्त तथा उनके पुत्र बिंदुसार और बिंदुसार के पुत्र अशोक सम्राट तीनों को। आचार्य चाणक्य से शिक्षा मिली थी। और चंद्रगुप्त के शासन काल में चाणक्य मंत्री तथा बिंदुसार के शासनकाल में उनके प्रधानमंत्री रह चुके थे चाणक्य।
बिंदुसार को सिजेरियन क्यों कहा जाता है?
बिंदुसार का जन्म आपातकालीन रूप में हुई थी। जब उनकी माता ने जोहर ग्रहण कर लिया था, तो उनकी तबीयत खराब हो जाने के कारण चाणक्य उनकी माता के गर्व को काट कर निकाल लिया था। परंतु कुछ क्षण देर हो जाने के कारण बिंदुसार के सर तक जहर का बंद चला जाता है। जिससे उनके माथे पर एक स्थाई बिंदु रह जाती है। तभी से उन्हें दो तरह के नाम दिए दिए गए पहला बिंदुसार और दूसरा सिजेरियन क्योंकि यह आज कल कॉमन हो चुका है कि ऑपरेशन के दौरान बच्चे को सही सलामत बाहर निकाल लिया जाता है परंतु उस समय यह करना लगभग ना के बराबर था।
बिंदुसार का उत्तराधिकारी कौन था
जब बिंदुसार ज्यादा बीमार हो चुके थे तो उन्होंने अपने प्रजा के सामने घोषणा किए कि हमारा प्रिय पुत्र सम्राट अशोक। हमारे बाद हमारे इस राजगद्दी पर बैठेगा और हमारा उत्तराधिकारी बनेगा।
यूनानी विद्वानों द्वारा बिंदुसार का क्या नाम था?
यूनानी विद्वानों के द्वारा बिंदुसार को ‘अमित्रकेटे’ का नाम दिया गया था। ‘अमित्रकेटे’ का संस्कृत रूप अमित्रघात या अमित्रखाद होता है। बिंदुसार 272 ईसा पूर्व तक राज काज का भार संभाला।
बिंदुसार ने कौन से धर्म को अपनाया था?
बिंदुसार के पिता चंद्रगुप्त मौर्य जैन धर्म स्वीकार किया था, वही उनके पुत्र बिंदुसार ने हिंदू धर्म अपनाया था। बिंदुसार के पुत्र सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार करना अच्छा समझा।
बिन्दुसार को क्या कहा जाता था?
बिंदुसार को यूनानी विद्वानों के द्वारा ‘अमित्रकेटे’ तथा संस्कृत विद्वानों के द्वारा अमित्रघात या अमित्रखाद कहां जाता है। इसके अलावा इन्हें सिंहसेन्, मद्रसार तथा अजातशत्रु से नामों से भी जाना जाता था।
FaQ
Q. बिन्दुसार की मृत्यु कब हुई।
Ans : 273 ईसा-पूर्व
Q. बिन्दुसार का जन्म कब हुआ
Ans : 320 ईस्वी पूर्व
Q. बिन्दुसार की उम्र कितनी थी
Ans : 47 वर्ष (इनका जन्म 320ईस्वी पूर्व तथा मृत्यु 273 ईसा-पूर्व मैं हुआ था किसके बीच के वर्ष 47 है)
Q. बिन्दुसार की माता-पिता का क्या नाम था
Ans : माता का नाम दुर्धरा तथा पिता चंद्रगुप्त मौर्य थे।
Q. बिन्दुसार की कितनी पत्नियां थी ?
Ans : बिंदुसार के कुल मिलाकर 16 पत्नियां थी।
Q. बिन्दुसार की जन्म और मृत्यु किस स्थान पर हुई
Ans : इनका जन्म बिहार में पाटलिपुत्र नामक स्थान पर हुआ था तथा इनकी मृत्यु भी पाटलिपुत्र में हुई।
Q. बिन्दुसार कहां का राजा था?
Ans : पाटलिपुत्र, जहां 24 वर्ष तक राज किया।
Q.बिन्दुसार को कितने नामों से जाना जाता है।
Ans : अमित्रकेटे, अमित्रघात, सिंहसेन्, मद्रसार, सिजेरियन तथा अजातशत्रु जैसे नामों से जाना जाता है।
Q. बिन्दुसार कौन से धर्म का था?
Ans : हिंदू
Q. बिंदुसार की मृत्यु कितने वर्ष की आयु में हुई?
Ans : 47 वर्ष में
Q. बिंदुसार के बाद कौन राजा बना?
Ans : उनके पुत्र अशोक
Q. बिंदुसार के कितने संतान थे?
Ans : कुल 101 संतान थे।
Q. बिंदुसार का गुरु कौन था?
Ans : आचार्य चाणक्य
Q. बिन्दुसार के समय आए यूनानी राजदूत का क्या नाम था?
Ans : बिंदुसार के समय आए यूनानी राजदूत का नाम ‘डायमेकस’ था।
Q. जैन ग्रंथों में बिंदुसार को क्या कहा गया है?
Ans : जैन धर्म के अनुसार बिंदुसार को सिंहसेन कहा गया है।
हमने क्या सीखा
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