Makar Sankranti 2023 की बात करे तो यह हमारे साल 2023 का पहला त्योहार है। मकर संक्रांति को हमारे देश के लगभग सभी भाग में मनाया जाता है। मकर संक्रांति प्रति वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति को प्रत्येक राज्य में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। अगर आप भी अपने घर पर मकर संक्रांति मनाते है लेकिन आप जानना चाहते है कि मकर संक्रांति को देश के अन्य भागों में किस प्रकार से मनाया जाता है तो हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इसी विषय के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने का प्रयास करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं।
मकर संक्रांति को गुजरात में किस प्रकार से मनाया जाता है?
मकर संक्रांति का त्योहार गुजरात के राज्य में काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। Makar Sankranti के त्योहार पर गुजरात राज्य के लोग पतंगबाजी करते है और अपने घर पर अच्छे अच्छे पकवान बनाते है और अपने रिश्तेदारों से मिलते है और उनका हाल खबर लेते है। पूरे देश भर में देखा जाए तो मकर संक्रांति मुख्य रूप से गुजरात का त्योहार मना जाता है। लेकिन मकर संक्रांति को गुजरात में उत्तरायन के नाम से जाना जाता है। लेकिन ऐसा नही है कि दूसरे राज्य में मकर संक्रांति के प्रति कोई उत्साह नहीं होता है हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों में मकर संक्रांति को किस प्रकार से मनाया जाता है उसके बारे में विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
Makar Sankranti 2023 को बिहार में किस प्रकार से मनाया जाता है?
जैसा हम जानते है कि मकर संक्रांति का त्योहार बिहार राज्य में भी काफी धूम धाम से मनाया जाता है। Makar Sankranti का त्योहार बिहार में जिनकी नई शादी होती है उनके लिए भी काफी खास माना जाता है साथ ही साथ मां अपने बच्चे के लिए गुड के लड्डू, मुरही से बने हुए लाए बनाती है। जिससे उस दिन सुबह जल्दी उठ कर बच्चे नहा कर सबसे पहले यही खाते है। यह परंपरा काफी लंबे से चलती हुई आ रही है और उस दिन सभी के घर में मसाले वाली खिचड़ी और पकोड़े बनाए जाते है जिसके बाद अंत में दही का सेवन किया जाता है। बिहार राज्य में गुजरात राज्य के तर्ज पर उस दिन कोई पतंगबाजी नही होती है केवल घर परिवार के साथ बैठ कर इस मकर संक्रांति के त्योहार का आनंद लिया जाता है।
Makar Sankranti 2023 को असम में कैसे मनाते है?
मकर संक्रांति को असम में Bihu के नाम से जाना जाता है। असम राज्य में 14 जनवरी को bihu का त्योहार मनाया जाता है। असम में बिहू के त्योहार में लोग अपने खेत में धान से बने मेंजी को जमा कर अपने कुल देवता की पूजा करते है और अपने बढ़ो का आशीर्वाद लेते है। साथ ही साथ अपने देवता से अपनी और अपने परिवार की खुशहाली की मनोकामना करते है और घर पर नारियर के लड्डू, तिल के लड्डू का सेवन करते है। कुछ इस प्रकार से लोग मकर संक्रांति का त्योहार मनाते है।
Makar Sankranti को तमिल नाडु में किस प्रकार से मनाया जाता है?
तमिल नाडु राज्य में मकर संक्रांति के दिन पोंगल का त्योहार मनाया जाता है। तमिल नाडु राज्य में पोंगल के त्योहार में बैल की पूजा की जाती है। मुख्य तौर पर पोंगल पर राज्य के लोग बैल, गाय की पूजा करते है जिससे वो खेती करते है। इस दिन लोग गाय, बैल के सींग पर कलाकारी करते है और उन्हें सजाते है। आम तौर पर पोंगल के दिन तमिल नाडु के लोग अपने खेत में की गई फसल के लिए अपने इष्ट देव से प्राथना करते है और उस दिन राज्य में कई जगह बैल और गाय की दौड़ का भी आयोजन किया जाता है।
Makar Sankranti 2023 कब है ?
इस साल लोगो के बीच काफी संदेह है कि मकर संक्रांति का त्योहार किस दिन है। ऐसे तो हर वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को ही मनाया जाता है लेकिन इस वर्ष हमारे हिंदू लोग के तिथि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को रात 8 बजे के बाद शुरू हो रहा है जिसके चलते लोगो के बीच काफी अंतर है कि वो किस दिन मकर संक्रांति मनाएंगे। जैसा कि आपने देखा है कि मकर संक्रांति का त्योहार आम तौर पर दिन में मनाया जाता है जिसके चलते इस वर्ष अधिकतम राज्य के लोग मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी रविवार को मनाएंगे को हिन्दू धर्म के अनुसार भी शुभ माना जाएगा।
Makar Sankranti 2023 को अन्य राज्य में क्या कहते है?
जैसे हमने आपको चार राज्यों के बारे में इसी प्रकार देश के अन्य हिस्सों में भी मकर संक्रांति को अन्य अन्य नामों से जाना जाता है जैसे कि आंध्र प्रदेश और केरल में मकर संक्रांति को केवल संक्रांति ही कहते है। वही बंगाल राज्य की बात करे तो मकर संक्रांति को पौष संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्य में मकर संक्रांति को माघी के नाम से जाना जाता है। हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल में भी मकर संक्रांति का त्योहार बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है।
Makar Sankranti 2023 क्यों मनाया जाता है?
ऐसे तो मकर संक्रांति को मानने के पीछे कई कहानी लोकप्रिय है जिसमे से हम आपको सबसे चर्चित कथा के बारे में बता सकते है, ऐसा माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा विष्णु जी के हाथो से निकल कर भागीरथ नदी के साथ जा मिलती है जिसके कारण गंगासागर के तट पर काफी बड़ा मेला भी इस दिन लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गंगा मां ने इस दिन महाराज सगर के 60 हजार पुत्रो को मोक्ष प्रदान किया था। इसी कारण इस त्योहार को हमारे हिंदू समाज के परिवार में मनाया जाता है।
makar sankranti 2023 me kab hai?
14 जनवरी रात्रि 08:21 पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे
मकर संक्रांति कब की है 14 या 15?
कैलेंडर के अनुसर 14 जनवरी और हिंदू धर्म में उदयातिथि के अनुसार 15 फरवरी को
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको Makar Sankranti 2023 और उससे संबंधित विषय के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तो और सहपाठी के साथ शेयर कर सकते है। वही अगर आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई सवाल आता है तो आप हमसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में संपर्क कर सकते हैं।
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